Me  Shayeri Q Likhti Hoon Ye Mujhe Nahi Pata,Magar Shayeri K Maadyam Se Me  Aap Sabhi Ko Kuch Mehsus Kerana Chahti Hoon,Jaise Prem - Pira - Pehchaan  Or Parichay,Jab Tanhai Me Apne Under Ki Aatmaa Ko Mehsus Karti Hoon,Tab  Anubhurtiyaan Ek Dard Sa Man Hi Man Me Sisakta Rehta Hai,Jise Maine  Apne Dill Se Anubhurti Kar Shayeri K Maadhyam Se Kavita K Zariye Logon  Tak Pahunchaane Ki Koshish Ki Hai,Shayeri Likhna Koi Mazaak Nahi,Dill Se  Shayeri Likhte Waqt Aansu Aa Jaate Hai...
~ ~ Sadah Bahar ~ ~
~ ~ Sadah Bahar ~ ~
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Monday, 20 May 2013
मेरी जीत
ज़िन्दगी बड़ी अजीब होती है,
कभी हार तो कभी जीत होती है,
तमन्ना रखो समंदर की गहराई को छूने की,
किनारों पे तो बस ज़िन्दगी की शुरुआत होती है,
ऐसे ही मेरी ज़िन्दगी की,
नयी दिशायें की शुरुआत फिर से हुई है,
तमन्ना थी दिल में आज,
फिर से तमन्ना पूरी हो गयी है,
किसीने हराने की कोशिश किया है, 
मगर जीत हमारी आज अभी अभी हुई है । 
~ ~ सदा बहार ~ ~
Sunday, 24 February 2013
Monday, 18 February 2013
Saturday, 16 February 2013
कशिश दिल कि हर चीज़ भुला देती है,
बंद आँखों में भी सपनें सजा देती है,
सपनों कि दुनिया जरुर रखना दोस्तों,
क्यूँ कि हकीकत तो अक्सर लोगों को रुला देती है,
एक दिन आएगा जब हम यूँ ही आप सभी के आँखों में,
तस्वीर बनकर रह जायेंगे,
तब न जाने कौन कौन हमे याद करेंगे, 
पर हम तो मरने के बाद भी सभी को याद करते रहेंगे।  
सदा बहार 
Thursday, 14 February 2013
वसंत पंचमी
श्री श्री माँ सरस्वती देवी की मैं वंदना करती हूँ ,
वसंत पंचमी का दिन,
मां सरस्वती का जन्मदिन माना जाता है,
इसीलिए इस दिन उनकी आराधना की जाती है।
जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के,
फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह,
धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं,
जिनके हाथ में वीणादण्ड शोभायमान है,
जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया,
है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर आदि देवता ओं,
द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही संपूरण जड़ता,
और अज्ञान को दूर कर देने वाली,
माँ सरस्वती हमारी रक्षा करें,
[शुक्लवर्ण वाली, संपूर्ण चराचर जगत्में व्याप्त,
आदिशक्ति, परब्रह्म के विषय में किए गए विचार एवं,
चिंतन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली,
सभी भयों से भयदान देने वाली,
अज्ञान के अँधेरे को मिटाने वाली, हाथों में वीणा,
पुस्तक और स्फटिक की माला धारण करने वाली
और पद्मासन पर विराजमान् बुद्धि प्रदान करने वाली,
सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलंकृत, भगवती शारदा,
(श्री श्री माँ सरस्वती देवी) की मैं वंदना करती हूँ। 
सदा बहार 
पीले बसंत के बहार
खिली बसंत के बहार पीले सरसों के खेत में ,
सभी को आज है इन्तेजार उस पल का , 
जब आयेगा बसंत लेके ख़ुशी आप सभी के द्वार ,
उत्कर्ष होगा हर दिल में ,बसंत की हर बहार ,
हम भी उड़ेंगे आसमान पर एक पतंग के तरह , 
पाकर ख़ुशी हर पल सदा बहार के तरह ,
नाचेंगे झूमेंगे पीले पीले सरसों के खेतों में , 
रंग बरसे पीला और छाये सरसों सी उमंग ,
आप सभी के जीवन में रहे सदा बसंत के रंग ,
खेत खेत खिलें हैं ; सरसों के फूल ,
गाँव गली इठलाई ; चन्दन की धुल , 
सूरज है उतर रहा ; पीपल से जाग , 
ढाक-ढोलक बजने दो ; बजने दो छांग,
छाने दो सतरंगा ; इन्दर धनुषी रंग रंगने दो ,
पीले बसंत के चादर ओढ़े मिटटी में,
शीत की लहरें मिल जाने दो ,
बूँद बूँद है ओस गिरते ,पीली धरती है खूब खिलती ,
धरती में समाने दो .बसंत का गीत गाने दो , 
पीले पीले सरसों के फूलों में भवरें है गुनगुनाते ,
उड़ी उड़ी रे उड़ी पतंग ; देखो बादलों के संग .
हवा के संग बातें करती ; उचाईओं से कभी न डरती .
पीले सरसों के फूलों की बरसा सरद की फुहार ,
चलो हम सब झूमें पीले बसंत में सदा बहार !!
सदा बहार
Happy Valentines Day
प्रेम का दृष्टिकोण 
प्रेम 'आत्मा की एक शक्ति '
आत्मा की आत्मा से मिलन को प्रेम करते हैं,
प्यार उनसे करो जो दिल को लुटाना जानते है।
और दुसरे की दुख को समझते हो, 
सच्चा दिल से प्यार एक ही से होता है, 
चाहे वो काली हो या गोरी हो, 
जो एक प्यार को छोड़कर,
दुसरे सुन्दरता के पीछे दौड़ता है वो प्यार नहीं है,
पश्चिमी देश के असभ्यता को अपनाकर,
अपने देश की प्यार की संस्कृति को न भुलाए, 
प्रेम किसी एक व्यक्ति से हमारे संबंधों का नाम नहीं है, यह एक दृष्टिकोण है, एक चारित्रिक रुझान है जो किसी व्यक्ति के साथ-साथ पूरी दुनिया से हमारे संबंधों को अभिव्यक्त करता है। वह केवल एक लक्ष्य और उसके साथ के
संबंधों का नाम नहीं है। यदि एक व्यक्ति केवल दूसरे एक व्यक्ति से प्रेम करता है और अन्य सभी व्यक्तियों में उसकी रुचि नहीं है, तो उसका प्रेम, प्रेम न होकर उसके अहं का विस्तार मात्र है। फिर भी ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि प्रेम एक 'लक्ष्य' है न कि एक 'क्षमता'।
वे समझते हैं कि भूल भी करते हैं कि यदि वे केवल अपने 'प्रेमी' या 'प्रेमिका' से ही प्रेम करते हैं, तो यह उनके प्रेम की गहराई का प्रतीक है। इसका मतलब है कि वे प्रेम को एक गतिविधि के रूप में, 'आत्मा की एक शक्ति' के रूप में आत्मा की मिलन होता है, 
उन्हें लगता है कि एक 'प्रेमी' या 'प्रेमिका' होने का अर्थ है 'प्रेम' को पा लेना। यह बिलकुल वैसी ही बात है, जैसे कोई व्यक्ति चित्रकारी करना चाहता है और समझे कि उसे केवल एक प्रेरक विषय की जरूरत है, जिसके मिल जाने पर वह स्वत: ही बढ़िया चित्रकारी कर लेगा।
अगर मैं किसी एक व्यक्ति से सचमुच प्रेम करती हूँ तो मैं सभी व्यक्तियों से प्रेम करती हूँ।
करने का सच्चा अर्थ' यह है कि 'मैं उसके माध्यम से पूरी दुनिया और पूरी जिंदगी से प्यार करती हूँ।..
निः स्वार्थ प्रेम , विवाह के बंधन से अधीक महान और पवित्र होता है । इसलिए राधाकृष्ण निः स्वार्थ प्रेम की प्रतिमूर्ति है और सदेव पूजनीय है 
श्रीकृष्ण के जीवन में राधा प्रेम
की मूर्ति बनकर आईं। जिस प्रेम कोकोई
नाप नहीं सका,
उसकी आधारशिला राधा ने ही रखी थी।
प्रेम कभी भी शरीर की अवधारणा में
नहीं सिमट सकता ... प्रेम वह अनुभूति है
जिसमें साथ का एहसास निरंतर होता है !
न उम्र न जाति न उंच नीच ... प्रेम हर
बन्धनों से परे एक आत्मशक्ति है ,
दिल से प्यार करने वालों का प्यार कभी नहीं टूटता,
सच्चे प्यार का कभी अंत नहीं होता,
सातों जनम तक उनका प्यार बने रहेता है,
जैसे हमारे श्री राधे और कृष्ण जी का प्रेम है,
एक अटूट बंधन तोड़ने से भी न टूटे,
हम अपने सभी मित्रों के लिए एक अटूट प्यार मिलने का प्राथना करते है,
आप सभी के जीवन में श्री राधे और कृष्ण जी के तरह एक अटूट प्यार ,ज़िन्दगी भर बने रहे
Happy Valentines Day
सदा बहार
Wednesday, 13 February 2013
लग जा गले (Happy Hug Day)
अपने बंधन में बाँध ले मुझको, 
हर जन्म में बदलते ये रिश्ते ,
जन्म-जन्म का बस तुझसे नाता,
तुझको प्रीत मानू मै तुझको ही सोचू,
तुझको ही मैंने सब कुछ माना,
आ लग जा गले तुझको पुकारे तेरी प्यार, 
ऐ,हसींन रात फिर आय न आय,
पर साथ मरी तू रह हरपल, 
कभी तुझसे करूँ मै दिल की बातें,
कभी तू भी मुझसे कुछ अपना कह,
दिल की बातें,
अब मुझसे रहा न जाए तेरी,
ऐ दुरिया, अब आजा मेरी प्यार,
तू जहा भी है आके मुझको गले लगा ले यार, 
ले चल मुझे अब,तू है जहाँ पे ,
हरदम रहू मै तेरे पास पास,
जहाँ भी रहूँ मैं तुझे देखूं वहाँ पे मै बार बार ,
सदा बहार
Tuesday, 12 February 2013
Monday, 11 February 2013
बालिका बचाओ वादा दिवस मनाओ
सुरज को उदय होते तो सबने देखा है,
पर आज की सुबह मैंने सूरज को रोते हुए देखा है। 
ऐसी सुबह फिर कभी ना हो। 
आज राष्ट्रीय बालिका बचायो वादा दिवस मनाओ। 
आइए भारत में हो रही कन्या भ्रूण हत्याओं और बालिकाओं के खिलाफ अन्याय को रोकने और उन्हें एक सशक्त, आदर्श समाज देने का प्रण लें। 
क्षुब्द ह्रदय खिन्न है,
मन तो क्या आओ वादा दिवस मनाएं। 
महफूज़ रहें यहाँ बिटिया सबकी,
सब जन आज ये शपथ उठायें। 
बालिका बचायो वादा करो। 
हम सभी भारत वासियों को,
दामिनी के बलिदान को भूलना नहीं होगा। 
हम सभी को एकजुट होकर,
दुष्किमयों को सजा दिलाना है।
हे भगवान बेटी तो हर किसी को भी दे देना,
पर अभिषाप किसी को भी मत देना।
बालिका बचायो वादा करो। 
सदा बहार
कहाँ हो तुम (Happy Promise Day)
वादा कर के गए थे,
कहा हो तुम,
मेरी अँधेरी ज़िन्दगी में,
थोड़ा उजाला कर दोगे,
कहे थे तुम,
तुम्हारे आस में,
न जाने कब से सोया नहीं,
तुम्हारे याद में,
न जाने कितनी रातें रोया है हमने, 
अब अपनी खुशियाँ लुटाकर,
मेरे सारे गम आधा तो कर दो तुम, 
एक बार आकर तुम्हारा, 
वादा तो पूरा कर दो,
तुम्हारे इंतज़ार में,
में यूँ ही बैठी हुई हूँ, 
तुम्हारी आस लगाए हुए। 
Happy Promise Day
Sadah Bahar 
Sunday, 10 February 2013
एम्.आई. पटेल सर जी
In The Given Photo : 
MI Patel Sir 
And 
Me 
Sadah Bahar Shraddha 
With 
My Student 
Ankita 
This Photo Was Clicked In 
Mumbai 
On 
25/10/2012
एम्.आई. पटेल सर जी
मैंने ये शाएरी आप के नाम लिखा है,
मैंने हकीकत में आपको जैसा पाया है,
बस वही सब बातें इस शाएरी में दोहराया है, 
हर रिश्ता ऊपर से बनकर आता है,
आज हम उन्ही के इशारें पर चलते है,
सर जी आप के जैसे दोस्त से मुझे,
इन्ही राम और रहीम ने मिलवाया है,
बेस्ट फ्रेंड का दर्जा दिया है आपको हमने,
और आप इसी तरह हमेशा के लिए,
हमारे राम और रहीम दोस्त बनकर रहिये ।
राम और रहीम दोस्त
न राम को देखा था न रहीम को,
पर एक दोस्त मिला था फेसबुक पर,
मुझे मालुम न था की कभी हकीकत में,
मुलाकात भी होगी उस दोस्त से,
फेसबुक पर मैंने जैसा देखा था,
हकीकत में उससे भी बढ़कर पाया,
उस दोस्त में मैंने राम और रहीम को देखा,
पटेल सर जी जैसा दोस्त,
राम और रहीम ने मुझे दोस्त के रूप में दिया है,
अल्लाह सभी को ऐसा ही दोस्त दे ।
में अल्लाह ब्लेस यू !
जिंदगी एक सफर है न जाने कौन कहाँ मिल जाए
उसी को अपना जानिए जो भी जहाँ मिल जाए ,
सब में खून एक जैसा , एक जैसी सबमें भावनाएं,
सबसे मिलाइए हाथ प्यार से दीजिए शुभकामनाएँ ।
Sadah Bahar 
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