वादा कर के गए थे,
कहा हो तुम,
मेरी अँधेरी ज़िन्दगी में,
थोड़ा उजाला कर दोगे,
कहे थे तुम,
तुम्हारे आस में,
न जाने कब से सोया नहीं,
तुम्हारे याद में,
न जाने कितनी रातें रोया है हमने,
अब अपनी खुशियाँ लुटाकर,
मेरे सारे गम आधा तो कर दो तुम,
एक बार आकर तुम्हारा,
वादा तो पूरा कर दो,
तुम्हारे इंतज़ार में,
में यूँ ही बैठी हुई हूँ,
तुम्हारी आस लगाए हुए।
Happy Promise Day
Sadah Bahar

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