ये समंदर भी कितना पास है ,
फिर भी मुझमे कितना प्यास है ,
आसमा मिल जाये इस ज़मी से ,
आज भी मुझे इस बात का एहेसास है ,
नहीं पड़ता है फर्क तुझे ,
पर इसी बात से तो तू बड़ा ख़ास है ,
तू ही मेरी गुरुर है ,
मत कर बात और न देख मुझे ,
पर होगा तू हरपल मेरे पास ,
मुस्कुराती तो में अब भी हूँ ,
बस लोग कहेते है की में जिंदा लाश हूँ ,
झनझनाती तेरी मुस्कराहट मुझे आज भी याद है ,
सदा के ख़ुशी में तेरा वास है ,
मुसीबतों से जब में गुज़रती हूँ ,
तब तेरे यादों के साथ मेरा दर्द भी साथ रहता है ,
अगर जान ली होती में तुम्हे प्यार करने से पहेले ,
तो न कहती की ज़िन्दगी भर ,
ये प्यार बस एक " काश " है ।
Good One
ReplyDeleteSamandar ne mujhe pyassa kiya hae
Sahra mein maen pyassa nahi tha