"नशा ईश्क का जब रगो में उतर जाता है,
धड़कने बनकर हिचकियाँ होठो पर आ जाती है !
होशवालों को क्या खबर बेखुदी क्या चीज़ है,
ईश्क कीजिये फिर समझिये ज़िंदगी क्या चीज़ है !
वो बेमुरव्वत क्या जाने , हाले दिल प्यार में
हिचकियाँ बनके सदा जुबान पर आ जाती है !
उनसे नज़रें क्या मिली रोशन फिजाये हो गई,
आज जाना प्यार की जादुगरी क्या चीज़ है !
"मीठी यादें ईश्क भी जब हमको भूल जाती है
फिर ईश्क की याद दिलाने हिचकियाँ चली आती है !
होशवालों को क्या खबर बेखुदी क्या चीज़ है,
ईश्क कीजिये फिर समझिये ज़िंदगी क्या चीज़ है !
तमन्नाओ से भरे इस जिंदगी मैं लम्हा बहुत छोटा सा है,
ईश्क की बुनियाद को शायरी सिखाई बे मौसम घटाए !
ईश्क में तुझे याद करना एक अदा हो गयी ,जब ना बचा
हौसला कुछ कहने का तो मेरी हिचकियाँ ही सदा हो गयी !
झुकती आंखों ने बताया मयकशी क्या चीज़ है,
ईश्क कीजिये फिर समझिये ज़िंदगी क्या चीज़ है !
"तेरी हिचकी पर मेरी सिसकियाँ फ़िदा हो गयी ,
चेहरे पर रौनक आ गयी मायूसी जुदा हो गयी !!!
♥♥ !!!.सदा बहार .!!!♥♥
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