ऐ परछाई दगा दे जाए उसे यार नहीं कहते,
ख़ुशी ना दे उसे बहार नहीं कहते,
सिर्फ एक बार धडकता है दिल किसी के लिए,
जो दुबारा हो जाये उसे प्यार नहीं कहते,
प्यार तो एक बार होता है,
तू ना समझे तो समझाऊ किसे,
अपनी चाहत का एहसास दिलाऊ किसे,
तू तो अपनी दुनिया मैं खुश है,
लेकिन मेरा क्या हाल है तेरे बिना बताऊँ किसे,
कोई समझें या ना समझें मेरे जजबात को,
तुझे तो मेरे दिल की हर बात समझना चाहिए,
हम तो चले जायेंगे इस दुनिया से,
पर अपनी परछाई छोड़ जायेंगे तेरे खातिर ।
~ ~ सदा बहार ~ ~
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