Me Shayeri Q Likhti Hoon Ye Mujhe Nahi Pata,Magar Shayeri K Maadyam Se Me Aap Sabhi Ko Kuch Mehsus Kerana Chahti Hoon,Jaise Prem - Pira - Pehchaan Or Parichay,Jab Tanhai Me Apne Under Ki Aatmaa Ko Mehsus Karti Hoon,Tab Anubhurtiyaan Ek Dard Sa Man Hi Man Me Sisakta Rehta Hai,Jise Maine Apne Dill Se Anubhurti Kar Shayeri K Maadhyam Se Kavita K Zariye Logon Tak Pahunchaane Ki Koshish Ki Hai,Shayeri Likhna Koi Mazaak Nahi,Dill Se Shayeri Likhte Waqt Aansu Aa Jaate Hai...
~ ~ Sadah Bahar ~ ~
~ ~ Sadah Bahar ~ ~
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Thursday, 31 May 2012
आइना
में अपने आईने में बार बार ,
अपने चहरे को साफ़ देखने की प्रयास कर रही थी और ,
उस आईने को बार बार पोछते रही क्यू की ,
मेरा चेहरा कुछ धुलना सा काला सा नज़र आ रहा था ,
दूसरी बार जब फिर साफ़ किया उस आईने को ,
तो उस आईने ने जवाब दिया ,
बार बार क्यू पोंछ रही हो सदा मुझको तुम ,
क्या तुम अपने चहरे को मेरे बिन देख सकती हो ,
कितनी काली सावली नज़र आ रही हो तुम ,
पहेले अपने चेहरे को धोकर आओ फिर मुझे बताओ ,
की मेरी चमक में कोई कमी है या ,
तुम्हारे चहरे में कुछ कमी सी है ??
~ ~ सदा बहार ~ ~
Wednesday, 30 May 2012
Tuesday, 29 May 2012
प्यार की एक सच्ची कहानी
वो कहता था की में तुझसे बेहद प्रेम करता हूँ ,
तू मेरे अंग का आधा हिस्सा है ,
ख़्वाबों का सिलसिला बढता गया ,
चाहत का एहेसास दिलाते गया ,
वादा किया था उसने ,
सात जनम तक साथ देंगे ,
चाहे आंधी आए या तूफ़ान न छोड़ेंगे तेरा हाथ ,
दस कदम घुमाया फिराया ,
फिर दूर कही अनजान रेतीले टीले पर ,
मुझे छोड़ आया उसने ,
इसी तरह मरने के लिए ,
न जाने किस कसूर का सजा दिया उसने ।
~ ~ सदा बहार ~ ~
Monday, 28 May 2012
दुआ
तेरे इंतज़ार के जो राहें ,
मेरी राहों के जो जुगनू है ,
वो तेरे है ,
तेरे राहों के जो अँधेरे है ,
वो मेरे है ,
छु नहीं सकता तुझ को कोई गम ,
तुझ पर दुआओं के जो पहरे है वो मेरे है ,
ऐ खुदा तुझसे इतना ही गुज़ारिश है ,
की उसके सारे दुःख दर्द मुझको दे दे ,
और दुनिया की सारी खुशियाँ उसपे बरसा दे ।
~ ~ सदा बहार ~ ~
बहारें
सावन के उन बहारों को ,
पहेचान की जरुरत नहीं पड़ती हुजुर ,
ज़िन्दगी में जो बहार आए ,
वो बहार मिटाने से भी मिटाए नहीं जाते ,
उसे सदा सदा के लिए यादगार बनाया जाता है ,
हज़ारों दोस्तों में से हम दोस्त एक है ,
जो कभी गिनती में गिनी नहीं जाती है ,
हम वो बहार है जिसका कोई कदर न था ,
छोड़ आए वो दुनिया जहा हम जैसे ,
बहारों का जरुरत न था ,
जहा कांटें ही कांटें बिखरे हुए थे ,
आज वह वीरान ही वीरान है ,
बहारों का नाम - ओ - निशाँ मिटा दिया गया था ,
आप सभी के महफ़िल में बहारें लिए आए है हम ।
~ ~ सदा बहार ~ ~
बेवफा
तुमने पूछा था की सदा तुम मुझसे ,
इतना प्यार क्यूँ करती हो ,
और मुझमे ऐसा क्या देखा है ,
की तुम मेरे बिना जी नहीं सकती ,
मैंने बोला था की ,
मैंने तेरी आँखों में चाहत की इन्तहा देखी थी ,
सुर्ख होंटों पर अपने लिए वफ़ा देखी थी ,
तुमसे नाज़ थी तुम ही मेरे गुरुर थे ,
पर ये न सोचा था कभी की तुम बेवफा निकलोगे ,
हमने तो सदा जीने मरने का कसम खा रखा था ।
~ ~ सदा बहार ~ ~
SMS की बहार
क्यूँ किया था प्यार उसने ,
हज़ारों सपने दिखाकर ,
नए नए ख्वाब सजाकर ,
क्यूँ मुह फेर लिए हमसे ,
न कोई चिट्ठी न कोई फोन ,
हज़ारों कॉल तो वे सुबह शाम किया करते थे ,
क्यूँ बंद हो गई SMS की बहार ,
क्या हो गई हम से से ऐसी तकरार ,
क्यूँ बेगाने हो जाते है यार ,
अगर दिल में हो प्यार ,
तो भेजो ना SMS मेरे यार ।
Miss You
~ ~ सदा बहार ~ ~
दिल
पता नहीं ऊपर वाले ने इंसान को दिल क्यूँ दिया है ,
जिनके दिल में लगती है चोट ,
वो आँखों से क्यूँ नहीं रोते ?
जो अपनों के न हुए ,
वो किसी और के क्यूँ नहीं होते ,
मेरे हालातों ने मुझे ये सिखाया है ,
की किसी से प्यार करो पर दिल मत दो ,
सपने देखो पर एहेसास न करो ,
की सपने ही टूट जाए ,
और सपना पूरा न हो ।
~ ~ सदा बहार ~ ~
तकदीर
तलाक तो दे रहे हो नज़र - ऐ - कहर के साथ ,
जवानी भी मेरी लौटा दो मैहर के साथ ,
वो सादगी भी लौटा दो जिसे मैंने कभी तुमपे लुटाया था ,
किस कदर तुम्हे चाहा था न जान सकोगे तुम कभी ,
ये बेबस ये बेआलम ये कश्म - कश ,
किस तरह चलाये हो तुम ,
किसी गैरों से इश्क जता कर ,
अपने को पराया बना दिया तुमने ,
क्यूँ जताए थे मुझसे प्यार और क्यूँ किये थे शादी ?
क्या यही दिन दिखाने के लिए ?
दर्द और गम के दुनिया में छोड़ दिया हमे मझ्धारों पे ?
ऐ खुदा ! रहेम कर ! उठा ले मुझ जैसी ,
बदकिस्मत वाली को ,
न चाहत थी सोने और चांदी की ,
न थी ऐसी तकदीर की ।
~ ~ सदा बहार ~ ~
Saturday, 26 May 2012
उजड़ी हुई बगिया
ऐ दोस्त ,
जान बुझकर किसी के जख्मों पे ,
जख्म देने आ गए आप ,
उस रोज़ हमने चाहा था की ,
दोस्ती की एक गुलाब आपको पेश करे ,
शायद खुदा को मंज़ूर न था ,
हमेशा अपनी खुशबू और सुन्दरता ,
लालिमाये लुटाते रहे हम
अपने चमन की ,
गुलाब दूसरों पर ,
मुझसे पूछा किसी दोस्त ने ,
हमेशा खुशबू लुटाती रही दूसरों पे ,
तुझको क्या मिला है सदा दोस्तों से ,
मैंने काहा ,
लेना देना तो व्यापार है ,
दिल से किसी पर प्यार जताकर देखो ,
इन्द्र धनुष का सांतवा रंग बिखर पड़ेगा तन मन में ,
लालिमाये लुटाते रहे हम
अपने चमन की ,
गुलाब दूसरों पर ,
हुजुर मेरे दोस्त इतने बिज़ी थे अपने काम में ,
की मेरे प्रश्नों का उनसे कोई जवाब ही नहीं मिला था ,
लगता है किसी के इशारों पे ,
मेरे उजड़े हुए बहारों को देखने आए है आप ,
जहा हज़ार गुलाब रोज़ खिला करता था ,
शाएरियों से और सदा बहारों से ,
सदा हमेशा अपने दोस्तों की खातिरदारी करती रही ,
बदले में न मांगी किसी से कभी भी कुछ भी ,
आज वाहा कांटें ही कांटें और ,
सुर्ख गुलाब के सूखे पंखुड़ियाँ बिखरे पड़े है ,
खुद के दिल पर कांटें बिलो के ,
दूसरों को खुशबू देते रहे है हम सदा ,
मुझसे पूछा किसी दोस्त ने ,
हमेशा खुशबू लुटाती रही तुम दूसरों पर ,
तुमको क्या मिला है सदा दोस्तों से ,
मैंने कहा ,
लेना देना तो व्यापार है ,
दिल से किसी पर प्यार जताकर देखो ,
इन्द्र धनुष का सांतवा रंग बिखर पड़ेगा तन मन में ,
ऐसी गहरी रंग ,
बिखरा था सदा के मन में ,
न जाने काहा से ,
एक आंधी आकर ,
सबकुछ उजाड़ ले गया ,
ऐ हमदर्द - ऐ - दोस्त ,
कैसे बताये हम तुझको अपना ये हाल - ऐ - दिल ,
कहना उनसे जाकर ,
मिल आए तेरे उजड़ी हुई सदा की बगिया से ,
जिस ज़मी पर हज़ारों गुलाब खिलते थे ,
कलियाँ मुस्कुराती थी ,
बारिश के बूंदों के साथ ,
गुलाब की खुशबू सदा बहार बनके लुटाती थी ,
वही आज वीरान सम्शान काँटों से भरे ,
गम और तन्हाई में आज भी ,
तेरे इंतज़ार में बैठी है सदा ।
~ ~ सदा बहार ~ ~
हमसफ़र
ज़िन्दगी एक अजीब दास्ताँ है ,
किसी को रुलाता , तो किसी को हंसाता ,
अक्सर हम अपने ज़िन्दगी से यूँ ही पूछते है ,
की ज़िन्दगी की हर मुश्किलों से क्यूँ हार बैठते है हम ,
इसके बिना कोई मंजिल , कोई सफ़र नहीं होता ,
अक्सर क्यूँ हम ज़िन्दगी से हार के अकेले हो जाते है ?
कोई आपके साथ नहीं है तो भी गम न करना ,
खुद से बढ़कर दुनिया में कोई हमसफ़र नहीं होता ।
~ ~ सदा बहार ~ ~
My Divine Lines
There Is A Way Between Voice & Presence Where Information Flows. In The Disciplined Silence With Wandering Talk It Closes.
Incredible Change Happens In Your Life When You Decide To Take Control Of What You Do Have Power Over Instead Of Craving Control Over What You Don't .
He Who Chooses The Beginning Of The Road Chooses The Please It Leads To. It Is The Means That Determines The End.
~ ~ Sadah Bahar ~ ~
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