Me Shayeri Q Likhti Hoon Ye Mujhe Nahi Pata,Magar Shayeri K Maadyam Se Me Aap Sabhi Ko Kuch Mehsus Kerana Chahti Hoon,Jaise Prem - Pira - Pehchaan Or Parichay,Jab Tanhai Me Apne Under Ki Aatmaa Ko Mehsus Karti Hoon,Tab Anubhurtiyaan Ek Dard Sa Man Hi Man Me Sisakta Rehta Hai,Jise Maine Apne Dill Se Anubhurti Kar Shayeri K Maadhyam Se Kavita K Zariye Logon Tak Pahunchaane Ki Koshish Ki Hai,Shayeri Likhna Koi Mazaak Nahi,Dill Se Shayeri Likhte Waqt Aansu Aa Jaate Hai...
~ ~ Sadah Bahar ~ ~
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Sunday 10 February 2013

एम्.आई. पटेल सर जी


In The Given Photo : 
MI Patel Sir 
And 
Me 
Sadah Bahar Shraddha 
With 
My Student 
Ankita 
This Photo Was Clicked In 
Mumbai 
On 
25/10/2012

एम्.आई. पटेल सर जी

मैंने ये शाएरी आप के नाम लिखा है,
मैंने हकीकत में आपको जैसा पाया है,
बस वही सब बातें इस शाएरी में दोहराया है, 
हर रिश्ता ऊपर से बनकर आता है,
आज हम उन्ही के इशारें पर चलते है,
सर जी आप के जैसे दोस्त से मुझे,
इन्ही राम और रहीम ने मिलवाया है,
बेस्ट फ्रेंड का दर्जा दिया है आपको हमने,
और आप इसी तरह हमेशा के लिए,
हमारे राम और रहीम दोस्त बनकर रहिये ।

राम और रहीम दोस्त

न राम को देखा था न रहीम को,
पर एक दोस्त मिला था फेसबुक पर,
मुझे मालुम न था की कभी हकीकत में,
मुलाकात भी होगी उस दोस्त से,
फेसबुक पर मैंने जैसा देखा था,
हकीकत में उससे भी बढ़कर पाया,
उस दोस्त में मैंने राम और रहीम को देखा,
पटेल सर जी जैसा दोस्त,
राम और रहीम ने मुझे दोस्त के रूप में दिया है,

अल्लाह सभी को ऐसा ही दोस्त दे ।
में अल्लाह ब्लेस यू !

जिंदगी एक सफर है न जाने कौन कहाँ मिल जाए
उसी को अपना जानिए जो भी जहाँ मिल जाए ,

सब में खून एक जैसा , एक जैसी सबमें भावनाएं,
सबसे मिलाइए हाथ प्यार से दीजिए शुभकामनाएँ 

Sadah Bahar 

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