श्री श्री माँ सरस्वती देवी की मैं वंदना करती हूँ ,
वसंत पंचमी का दिन,
मां सरस्वती का जन्मदिन माना जाता है,
इसीलिए इस दिन उनकी आराधना की जाती है।
जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के,
फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह,
धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं,
जिनके हाथ में वीणादण्ड शोभायमान है,
जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया,
है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर आदि देवता ओं,
द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही संपूरण जड़ता,
और अज्ञान को दूर कर देने वाली,
माँ सरस्वती हमारी रक्षा करें,
[शुक्लवर्ण वाली, संपूर्ण चराचर जगत्में व्याप्त,
आदिशक्ति, परब्रह्म के विषय में किए गए विचार एवं,
चिंतन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली,
सभी भयों से भयदान देने वाली,
अज्ञान के अँधेरे को मिटाने वाली, हाथों में वीणा,
पुस्तक और स्फटिक की माला धारण करने वाली
और पद्मासन पर विराजमान् बुद्धि प्रदान करने वाली,
सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलंकृत, भगवती शारदा,
(श्री श्री माँ सरस्वती देवी) की मैं वंदना करती हूँ।
सदा बहार
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 13 फरवरी2016 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!