डर लगता है दूर जाने में अँधेरी रातों में,
अपने परछाई के साथ,
वो परछाई भी हमे खूब डराता है कभी कभी,
जब परछाई सुबह से शाम तक हमारे साथ रहता है.
तब वो हमे डराता नहीं है,
पर अँधेरी में हमारे शरीर से बहार आके क्यू डरता है हमे |
सदा बहार
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