आप की नूर...
रूप अनेक है ,लेकिन सबसे अलोक है ,
भेद जो यह जाने, उसकी बुद्धी नेक है ,
कण--कण में है नूर समाया ,
सदा को न पहचाना-है आप ने
... एक मुस्कान..
सुन्दरता तूने वो पाई,
नाज़ाँ है तुम पे ख़ुदाई,
एक मुस्कान तू ने जो दिखयी ,
जीवन के हर मोड़ पर सुनहरी छा गयी,
दिल की हसरते तेरे जैसा,
न देखा कोई और ज़ुबाँ पर,
आज दिल की बात आ गई ...
सदा बहार
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