मां तू किस मिट्टी की बनी,
त्याग की देवी ममता की धनी,
बच्चे को जन्म दे जां दाव पे लगाती है,
बच्चे का मुख देख दुःख भूल जाती है।
मां ........ मां ............. मां ...........
लाड प्यार से मां बच्चे को पालती,
अपने से ज्यादा बच्चे को सम्भालती।
बच्चा खुश मां की रूह खिलखिलाती है।
बच्चे का मुख देख दुःख भूल जाती है।
मां ........ मां ............. मां ...........
बड़े ही चाव से मां खाना पकाती है,
पहले बच्चों को पेट भर खिलाती है,
बचा खुचा खा के भी मुस्कराती है।
बच्चे का मुख देख दुःख भूल जाती है।
मां ........ मां ............. मां .........
बच्चों पे सब कुछ कर देती अर्पण,
धन्य है मेरी माता रानी का समर्पण,
दुःख दे बच्चा फिर भी सीने से लगाती है।
बच्चे का मुख देख दुःख भूल जाती है।
मां ........ मां ............. मां ...........
मिली खुशियाँ न रही कोई उलझन,
"रैना" करता है मां में रब के दर्शन,
मां ही जीवन का रास्ता दिखाती है।
बच्चे का मुख देख दुःख भूल जाती है।
मां ........ मां ............. मां .......
~ ~ सदा बहार ~ ~
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