ए मेरे खुदा ऐसा कोई करिश्मा हो जाए ,
के हर दुआ मेरी भी आज कुबूल हो जाए ,
ए जानम अब मिलन की घडी आ जाये ,
के जी खुश हो औ आँखें मेरी भर आये ,
इन अश्क-ए-ग़मों का खात्मा अब हो जाए ,
तेरी लुत्फ़ ए निगाहें हमपे भी हो जाये ,
मेरी वफ़ा से वो पत्थर भी पिघल जाए और ,
सदा मिलने को वो संगदिल भी बेचैन हो जाए |
~ ~ सदा बहार ~ ~
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