एक प्रेम कथा ! मेरी और तुम्हारी !
जब हुई तुमसे मुलाकात !
तब से ये दिल फ़िदा हो गया !
कब से तुम्हारी एक झलक पाने के लिए !
दिल बेकरार हो गया है मेरा !
तुम्हारे चहरे में ऐसा क्या जादू है !
जो हर समय मेरा दिल बेकरार हो जाता है !
तुमसे मिलने को ?
नजरो से नजरें मिलजाना चाहती हैं !
बढ़ा देती है मेरी हर धड़कन !
तुझसे हूँ में या मुझसे है तू !
कुछ भी पता नहीं चलता !
लगता है यु ही तू मेरे पास है !
ये सपनें हकीकत सा लगने लगता है !
जैसे तुम हो मेरे पास !
हांथों में हाथ लिए बैठे है हम साथ साथ !
मेरे होंठ थरथराने लगती है !
खामोश रहे जाती है मेरे आँखें !
ऐसा लगता है जैसे किसीने मेरे होंठ सिल दिया है !
कैसे हो गई है ये प्रेम की भाषा हम दोनों का जनम जनम का नाता !
और सात जनम की प्रेम कथा !
जिसका कोई नहीं है शब्दकोष और परी भाषा !
बिन बोले ही हो गए हम एक दूजे के लिए !
जैसे हो जाये कोई जादुई चमत्कार !
तुम्हारे आंखो में बे बसी होंटों में मुस्कराहट !
ये सुन्दर मंजर बना है अभी अभी !
~ ~ सदा बहार ~ ~
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