मुस्कराहट देकर कोई गम दे जाये तो क्या करें,
कोई वफ़ा लेकर दर्द दे जाए तो क्या करें ,
कैसे बचाऊँ अपनी ज़िन्दगी को ,
जिसके प्यार के खातिर ,
दर्द का भी एहेसास न था ,
अब घुट घुट के मर रही हूँ इसी दर्द में ,
कोई हमदर्द बनकर यकीन दिलाकर ,
छुप जाये तो क्या करें ,
दर्द ही दर्द में जी रही हु में अबतक ,
वो कहते है ज्यादा अश्क बहाने वाले खतरनाक होते है ,
बेवजह दर्द देकर रुला जाने वाले को ,
क्या नाम दूँ पता नहीं ?
~ ~ सदा बहार ~ ~
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